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________________ श्रमण कथाएँ १४१ जाता था, इसलिए उपनयन संस्कार को कलाग्रहण-उत्सव भी कहा गया है। स्मृतियों में पाँच वर्ष की वय में शिक्षा प्रारम्भ करने का विधान भी मिलता है । वह अपवाद रूप में रहा है। इसके साथ यह भी स्मरण रखना होगा कि उस समय आज की तरह शिक्षा भार रूप नहीं थी। गुरुकुल प्रणाली शिक्षा का आदर्श था । विद्यार्थी के लिए आवश्यक था कि वह खूब मन लगाकर अध्ययन करे, विनयपूर्वक गुरुचरणों में रहे तथा नियमसम्पन्न हो। पुरुषों के लिए बहत्तर कलाओं तथा स्त्रियों के लिए चौंसठ कलाओं का अध्ययन आवश्यक माना जाता था। प्राचीनतम युग में बाल-विवाह नहीं था। आगम साहित्य में स्थानस्थान पर "उम्मुक्क बालभावं जाव अलं भोगसमत्थं" शब्द व्यवहृत हुआ है। बाल-विवाह मध्य युग की देन प्रतीत होती है। इसीलिए अलबरूनी ने लिखा है-हिन्दु लोग अपने लड़कों के विवाह का आयोजन करते थे क्योंकि विवाह बहुत ही छोटी उम्र में हुआ करते थे। एक स्थान पर यह भी लिखा है-ब्राह्मणों में अरजस्वला कन्या को ही ग्रहण किया जाता था ।3. गुप्तकाल में बाल-विवाह का प्रचलन रहा। यों जैन साहित्य में विवाह के तीन प्रकारों का वर्णन मिलता है१. वर और कन्या दोनों पक्षों के माता-पिताओं के द्वारा आयोजित विवाह २. स्वयंवर विवाह ३. गान्धर्व विवाह । मुख्य रूप से स्वयं की जाति में ही विवाह करने की प्रथा थी । बौद्ध जातकों में भी समान स्थिति और समान व्यवसाय वाले लोगों के साथ विवाह-सम्बन्ध स्थापित करने के उल्लेख मिलते हैं जिससे कि निम्न जातिगत तत्त्वों के सम्मिश्रण से कुल की प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखा जा सके । यों आगम-साहित्य में अन्य जातियों के साथ भी विवाह करने के उल्लेख प्राप्त होते हैं। जैसे-राजमंत्री तेतलीपूत्र ने १ 'प्राचीन भारत में जैन शिक्षण पद्धति'-डा. हरीन्द्रभूषण, संसद-पत्रिका, १६६५. २ एपीग्राफिका इण्डिया २. पृष्ठ १५४ ३ एपीग्राफिका इण्डिया पृष्ठ १२१ ४ 'लाइफ इन दी गुप्ता एज, पृष्ठ २८८.६०.-आर० एन० सालेटोरकर ५ 'द सोशल आर्गनाइजेशन इन नार्थ-ईस्ट इण्डिया इन बुद्धाज टाइम, कलकत्ता १९२०--फिक रेचार्ड Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003190
Book TitleJain Katha Sahitya ki Vikas Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1989
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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