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________________ श्रमण कथाएँ १३६. में विस्तार से वर्णन है । स्मृतियों में संस्कारों की संख्या के सम्बन्ध में मतभेद है । गौतम ने चालीस संस्कारों का वर्णन किया है । 1 वैखानस ने अठारह शारीरिक संस्कारों के नाम दिये हैं । अंगिरा ने पच्चीस संस्कारों के नाम बताये हैं | व्यास ने सोलह संस्कार बताये हैं । 2 मनु, याज्ञवल्क्य और विष्णु धर्मसूत्र में संख्या का निर्देश नहीं है । निबन्धों में मुख्य रूप से सोलह संस्कार बताये हैं । वे इस प्रकार हैं I १. गर्भाधान २. पुंसवन ३. सीमन्तोन्नयन ४. विष्णुवलि ५. जातकर्म ६. नामकरण ७. निष्क्रमण ८. अन्नप्राशन ६. चौल १०. उपनयन ११ - १४. वेदव्रत चतुष्टय १५. समावर्तन और १६. विवाह । स्मृतिचन्द्रिका आदि में प्रकारान्तर से अन्य नाम भी मिलते हैं । गृहसूत्रों, धर्मसूत्रों, मनुस्मृति, याज्ञवल्क्यस्मृति तथा अन्य स्मृतियों में एवं रघुनन्दनकृत संस्कार तत्त्व, नीलकण्ठकृत संस्कार मयूख, मित्र मिश्र कृत संस्कार प्रकाश, अनन्तदेवकृत संस्कार कौस्तुभ और गोपीनाथकृत संस्कार रत्नमाला आदि ग्रंथों में विराट सामग्री भरी पड़ी है, अतः विशेष जिज्ञासु उन ग्रन्थों का अवलोकन करें । संस्कारों में उपनयन संस्कार एक विशेष महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है । महाबल कथा में " उवनयणं" शब्द का प्रयोग हुआ है। जैन परम्परा में 'उपनयन संस्कार' किस प्रकार होता था ? इसका वर्णन आगम ग्रन्थों में नहीं है । ब्राह्मण परम्परा के ग्रन्थों में कलाचार्य के पास अध्ययन के लिए ले जाना, उपनयन संस्कार माना गया है । यह संस्कार विद्यार्थी को गायत्री मंत्र सिखाकर किया जाता था। गुरु के सन्निकट रहने से शतपथ ब्राह्मण और तैतिरीयोपनिषद् में उसे अन्तेवासी कहा है । उपनयन संस्कार कब किया जाये, इस प्रश्न पर चिन्तन करते हुए आश्वलायन गृहसूत्र में लिखा है - ब्राह्मण आठ वर्ष में, क्षत्रिय ग्यारह वर्ष में, वैश्य बारह वर्ष में उपनयन करें, अथवा सोलह, बावीस और चोबीसवें वर्ष में उपनयन १ गौतम, ८ / १४ - २४. १/१४ -- १५. २ व्यास, ३ शतपथ ब्राह्मण ५/१/५/१७. ४ तैत्तिरीयोपनिषद् ९/११ ५ आश्वलायन गृहसूत्र १/१९/१-६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003190
Book TitleJain Katha Sahitya ki Vikas Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1989
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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