SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 134
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ११८ जैन कथा साहित्य की विकास यात्रा गरीब-अमीर तथा दास और स्वामी आभिजात्य और निम्न वर्गों के बीच गहरी खाई पैदा हो गई थी। सम्पूर्ण समाज में कुण्ठा थी। उस समय भगवान् महावीर का जन्म होता है। महावीर के जीवन में गर्भापहरण की घटना प्राचीनतम आगम ग्रन्थों में मिलती है। मथुरा में प्राप्त एक प्लेट क्रमांक १८ पर भी डा० खूलर ने "भगवानेमेसो" पढा है, जो भगवान महावीर के गर्भ-परिवर्तन का सूचक है। कल्पसूत्र में यह घटना विस्तार से निरूपित है । वयासी रात्रि व्यतीत होने पर इन्द्र के आदेश से हरिणैगमेषी देव ने देवानन्दा की कुक्षी से संहरण कर उन्हें त्रिशला क्षत्रियाणी की कुक्षी में प्रस्थापित किया । चैत्र शुक्ला त्रयोदशी को भगवान् महावीर का जन्म हुआ । आचारांग, कल्पसूत्र, आवश्यकनियुक्ति, विशेषावश्यक भाष्य, आदि प्राचीन साहित्य में महावीर के द्वारा मेरु कम्पन का उल्लेख नहीं है । सर्वप्रथम पउमचरियं में विमलसूरि ने लिखा है- मेरुपर्वत को अपने अंगठे से क्रीडा मात्र भगवान् ने हिला दिया था, इस लिए सुरेन्द्रों ने उनका नाम 'महावीर' रखा। उसके पश्चात् आचार्य शीलांक, आचार्य नेमिचन्द्र, आचार्य गुणचन्द्र, आचार्य हेमचन्द्र' और कल्पसूत्र की विविध टीकाओं में विस्तार से इस प्रसंग को लिखा है। विमलसूरि तथा दिगम्बर आचार्य रविषेण इन दोनों ने प्रस्तुत प्रसंग के साथ भगवान महावीर के नामकरण का सम्बन्ध भी जोड़ा है, १. (क) स्थानांग ७७०. (ख) समवायांग ८३. (ग) आचारांग २/१५. (घ) भगवती, शतक ५, उद्दे० ४. २. The Jain Stupa and other Antiquities of Mathura, p. 25. ३. आकम्पिओ य जेणं, मेरु अंगुट्टएण लीलाए। तेणेह महावीरो, नामं सि कयं सुरिन्देहिं ॥ -पउमचरियं २/२६ पृ० १०. ४. चउप्पन्न महापुरिस चरियं, २७१ पृष्ठ । ५. महावीर चरियं, गा० १-३४, पृष्ठ ३०-३१, ६. महावीर चरियं, गा० १-३ तथा पृष्ठ १२०-१२१. ७. त्रिषष्टि० १०/२/५८-६६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003190
Book TitleJain Katha Sahitya ki Vikas Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1989
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy