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संकल्पशक्ति के चमत्कार | ६७
जब कभी कोई व्यक्ति उससे प्रश्न पूछता तो वह एकाग्रचित्त हो जाती, फिर जो कुछ पूछा जाता, उसका उत्तर उसकी बांहों तथा कन्धों पर उभरे लाल बड़े-बड़े अक्षरों में अंकित हो जाता। उसकी संकल्पशक्ति से उत्पन्न यह लेखन कुछ देर तक द्रष्टव्य रहकर धीरे-धीरे बिना कोई छाप छोड़े लुप्त हो जाता । उसमें मानसिक संकल्प की ऐसी अद्भुत क्षमता थी, जिसे देखकर प्रश्नकर्ता को चकित रह जाना पड़ता।
इसी प्रकार फ्रांस के सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता पियरी मिसी में भी मानसिक संकल्प की चामत्कारिक विशेषता थी कि वह अपनी इच्छानुसार शरीर के किसी भी हिस्से के बालों को हिला सकता था, बालों की नोंक को खड़ा कर सकता था, तथा लिटा भी सकता था, इतना ही नहीं, कोमल सपाट बालों को वह अपनी इच्छानुसार धुंधराले बना सकता था।
भारतीय योगियों ने तो अपने संकल्पबल द्वारा अनेक आश्चर्यजनक करतब कर दिखाये हैं।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि मनुष्य संकल्पबल से स्वयं को चट्टानसदृश सुदृढ़ बना ले तो उस पर किसी भी अशुभ दुष्ट संकल्प या बुरे विचार का प्रभाव नहीं के बराबर होगा। दूसरे के अशुभ या विरोधी विचारों को ग्रहण न करने से भी वे पुनः भेजने वाले के पास वापिस लौट जाते हैं, उसी को हानि पहुँचाते हैं। इसी प्रकार दृढ़, अटल मानसिक स्थिति पर आंधी, पानी, सर्दी, गर्मी आदि का असर बाहर में भले ही पड़ता हो परन्तु अन्तर् में नहीं पड़ता।
निष्कर्ष यह है कि मनुष्य को अपनी सुषुप्त आत्मिक शक्तियों का सम्यग्ज्ञान हो जाय और वह अपनी संकल्पशक्ति को बढ़ाले तो दुःख, भय, चिन्ता, क्रोध, काम, लोभ, मोह, द्वष आदि दुष्ट मनोविकार उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते । ईश्वरीय या आत्मिक शक्तियों तथा शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक सम्पदाओं का भण्डार सबमें विद्यमान है किन्तु जो व्यक्ति संकल्पशक्ति का सतत् अभ्यास द्वारा विकास कर लेते हैं, उन्हें ही इस सत्प्रवृत्ति में सफलता मिलती है ।
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