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संकल्पशक्ति के चमत्कार
संकल्पशक्ति की महिमा
संसार में जितने भी महान् कार्य हुए, वे मनुष्य की प्रबल संकल्पशक्ति का संयोग पाकर ही हुए हैं । संकल्पशक्ति के सहारे ही मनुष्य दुःसाध्य समझे जाने वाले महान कार्यों को कर सका । संकल्पशक्ति ही मनुष्य को महान् विजेता, महायोद्धा, अजेय, सुदृढ़ ब्रह्मचारी, अडोल संयमी एवं महाबली बनाती है । प्रबल संकल्पशक्तिसम्पन्न व्यक्ति ही महान् कार्यों का संचालन करता है।
मुगल-साम्राज्य की विशाल सेना के समक्ष महाराणा प्रताप की सेना मुट्ठीभर थी, किन्तु महाराणा प्रताप का संकल्पबल दृढ़ था । वह स्वयं अपनी रानी और बच्चों सहित वर्षों तक जंगलों की खोहों में भूखा-प्यासा अभाव-ग्रस्त होकर भटकता रहा । मुगल सेना पीछे लगी रही, फिर भी वह शक्तिशाली अजेय वीर मेवाड़ की स्वतन्त्रता को अक्षुण्ण रखने के लिए झुका नहीं, मुगल सेना को चुनौती देता रहा। दृढ़ संकल्पशक्ति के धनी
दृढ़ संकल्पशक्ति वाले व्यक्ति को शारीरिक कष्ट भी अस्थिर नहीं कर सकते । वह अपने व्यक्तिगत हानि-लाभ से भी प्रभावित नहीं होता। ऐसा व्यक्ति सदैव प्रसन्न और शान्त रहता है । स्वास्थ्य, सुख, प्रसन्नता और शान्ति ये चारों जिन्दगी के सुख उसके साथ रहते हैं।
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