________________
अनुश्र त थ तियाँ भगवान महावीर द्वारा भगवती सूत्र में वर्णित उपयुक्त विचार शैला को बौद्ध ग्रन्थ 'पुग्गलपज्जत्ति' में चार चूहों के रूपक द्वारा व्यक्त किया है
चार प्रकार के चूहे होते हैं। एक वे, जो स्वयं खोदकर बिल बनाते हैं, पर उसमें रहते नहीं।
दूसरे वे, जो बिल में रहते हैं, पर स्वयं नहीं खोदते । __ तीसरे वे, जो स्वयं बिल भी बनाते हैं और उसमें रहते भी हैं, तथा चोथे वे, जो न तो बिल बनाते हैं और न ही बिल में रहते हैं। ___ मनुष्य भी इसी प्रकार चार विभागों में बंटे हैं। प्रथम वे, जो शास्त्र पढ़कर भी उसे जीवन में नहीं उतारते । दूसरे वे, जो शास्त्र ज्ञानी न होकर भी जीवन में सिद्धान्त का साक्षात्कार करते हैं। तीसरे वे, जो शास्त्र ज्ञान भी प्राप्त करते हैं, और सत्य का आत्मानुभव भी,
और चौथे वे, जो न शास्त्र का अभ्यास करते हैं और न सत्य का आचरण ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org