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अनुश्र त थ तियां स्थविर ने आँखें ऊपर उठाई और कहा-'इधर से कोई स्त्री गई या पुरुष, यह मैं नहीं जानता, हां, अभी अभी इस मार्ग से एक हड्डियों का ढाँचा तो निकला है
नाभि जानामि इत्थीवा पुरिसो वा इतो गतो। अपि च असिंघाटो गच्छते स महापथे ।'
१. विसुद्धिमग्गो, ११५५
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