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महान् कौन ?
भक्त भगवान से भी महान् है ?
हां,
पर, कब ?
जब भक्त के अन्तःकरण में भगवान का निवास होता है ।
भगवान भक्त के अन्तःकरण में तब आते हैं जब वह सत्य, समता एवं शुचिता के जल से पवित्र हों, शोल, सदाचार, सहिष्णुता, सेवा और करुणा के पुष्पों की मधुर सौरभ से सुवासित हों। भगवान उसी भक्त पर प्रसन्न होते हैं- जो पर-दार, पर- द्रव्य एवं परहिंसा से विरत हो ।
ऐसा भक्त भगवान से भी महान होता है ! पौराणिक रूपक है
एक बार देवर्षि नारद ने स्वयं भगवान से ही यह प्रश्न किया- संसार में सबसे महान कौन है ? भगवान ने देवर्षि नारद की ओर गंभीरता पूर्वक देखा, और कहा - यह पृथ्वी सबसे बड़ी दीखती है,
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