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________________ ३२ अनुश्रत श्रतियाँ अदत्तवर्जन- इस से भी आगे बढ़ता है । पेट भरने के लिए भी, यहां तक कि दांत साफ करने के लिए एक तिनका भी किसी के दिए बिना ग्रहण न करे " दंत सोहणमाइस्स अदत्तस्स विवज्जणं " २ आध्यात्मिक भूमिका पर अदत्तवर्जन का यह सूक्ष्मतम आदर्श है । साधुमना इब्राहीम के लिए प्रसिद्ध है कि एकबार वे किसी धनवान के बगीचे में माली का काम देखने लगे । एकांत में अपनी साधना भी आनन्द से चल रही थी । एक बार बगीचे का मालिक अपने मित्रों के साथ वहां आया और इब्राहीम को आम लाने की आज्ञा दी ! कुछ पके पके आम मालिक के सामने रखे गये, पर खाने पर वे खट्टे निकले । मालिक ने झुंझलाकर कहा"तुम्हें इतने दिन यहां रहते हो गए, अभी तक पता नहीं चला कि किस वृक्ष के आम खट्टे हैं और किसके मीठे ?" इब्राहीम ने हंसकर कहा - "आपने मुझे बगीचे की रक्षा के लिए रखा है, फल खाने के लिए नहीं । बिना आपकी आज्ञा के मैं फल कैसे चख सकता था, और बिना चखे खट्टे-मीठे का पता कैसे लगता ?" २ -- उत्तराध्ययन १६।२८ Jain Education International MAR For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003185
Book TitleKhilti Kaliya Muskurate Ful
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1970
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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