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क्या चाहते हो ? किया ? इतनी बड़ी सेना को छोड़कर मुझ निःशस्त्र को क्यों मांगा?" ____ अर्जुन ने दृढ़ता के साथ विनय पूर्वक कहा- "मुझे फल नहीं, वृक्ष चाहिए, नारायणीसेना नहीं, स्वयं नारायण चाहिए। जहां नारायण है, यं गेश्वर कृष्ण हैंवहां श्री, विजय विभूति, समृद्धि, और प्रतिष्ठा सब कुछ हैं।"
जहां धर्म है, वहां सुख, वैभव समृद्धि सब कुछ हैं।
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