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उत्साह का ज्वार
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कहावत है-जहां चाह, वहां राह ! हृदय में यदि सच्ची लगन है, तो फिर कहीं किसी से मुहूर्त पूछने की और तरीका समझने की जरूरत नहीं, उत्साह का ज्वार अपने आप रास्ता बना लेगा।
एक बार प्रसिद्ध संगीतकार मोजार्ट से एक संगीत प्रेमी बालक ने पूछा- “मैं तुम्हारे जैसा महान संगीतज्ञ बनना चाहता हूँ, मुझे क्या करना चाहिए ?"
"तुम अभी बहुत छोटे हो,'-मोजार्ट ने कहा।
"लेकिन मेरी उम्र में तो तुम प्रसिद्ध संगीतकार बन गये थे,"-बालक ने आग्रह के स्वर में कहा ।
"तुम्हारा कथन सत्य है बालक ! किन्तु मैं किसी को पूछने नहीं गया था, और न किसी की नकल की थी। अन्तर हृदय में उत्साह का एक ज्वार, इस तेजी से उठा, कि अपने आप एक राह मिल गई।"-मोजार्ट के उत्तर में संकल्प की दृढ़ता झलक रही थी।
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