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जीवन स्फूर्तियाँ निकाले- 'मैंने तुम्हारा नुक्सान कर दिया, ये लो दो रुपए।" __ संत ने हंसकर लौटाते हुए युवक की आँखों में झांका-"वत्स ! पिता कहेगा, माल लाया नहीं, और पैसा कहाँ खो आया ? अतः अपने रुपए अपने पास रखो।" ____ टोली के सभी युवक संत की तितिक्षा के समक्ष विनत हो गए-"तिरुवल्लुवर ! तुम सचमुच ही महान् संत हो, हम तुम्हें क्रोध दिलाने आये थे, पर तुमने हमें जीत लिया अपनी अद्भुत क्षमा से ।"
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