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राक्षसी और देवी
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पर भी उतारू हो गई। संत की पीठ पर प्रहार होते ही गन्ना टूट गया, और तुकाराम मुस्कराकर बोले"अच्छा हुआ, जो मुझे गन्ना तोड़ना नहीं पड़ा, तुम्हीं ने तोड़ दिया ।"
ये हैं देव और राक्षसी के उदाहरण, तो अब लीजिए देव-देवी के जीवन की पवित्र झांकी |
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दक्षिण के महान संत एकनाथ का दाम्पत्य जीवन आदर्श था । क्षमा और सहिष्णुता में एकनाथ प्रसिद्ध थे, और उनसे भी ज्यादा उनकी पत्नी की ख्याति थी । कहते हैं, एकबार किसी युवक ने एकनाथ को क्रोध दिलाने की एक तरकीब निकाली । भोजन के समय वह एकनाथ के पास आकर बैठ गया । एकनाथ ने उसे भी भोजन करने का आग्रह किया । जब एकनाथ की पत्नी भोजन परोसने आई तो युवक उछल कर उनकी पीठ
पर चढ़ गया ।
संत ने हंसकर कहा - " देखना, मेहमान कहीं गिर न पड़े ।" पत्नी ने हंस कर कहा - "नहीं ! कोई बात नहीं है, नामू (नामदेव) जब छोटा था तो कभी-कभी मेरी पीठ पर यों ही चढ़ जाया करता था, मुझे बच्चे को पीठ पर उठाए काम करने की आदत है ।"
और यह देखिए जहाँ नारी के चरणों से गृहस्थी के रेगिस्तान हरे-भरे चमन बन गये हैं ।
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