________________
१६४
जीवन स्फूर्तियाँ गर्वनर-जनरल महोदय से निवेदन करना चाहता हूँ कि आशुतोष मुखर्जी अपनी माता की आज्ञा भंग करके किसी दूसरे की आज्ञा का पालन नहीं कर सकता, फिर भले ही वह भारत का गर्वनर-जनरल हो, या उससे भी कोई बड़ा अधिकारी हो ।”
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org