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पारसमणि
एक ने मणि को लुटाया केवल शारीरिक वासना के दो टुकड़ों के लिए। और एक ने मणि के रस सिद्ध प्रयोग करके स्वयं जीवन का आनन्द प्राप्त किया और लाखों करोड़ों प्राणियों का भला कर अपार पुण्य की प्राप्ति भी!
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