________________
जीवन की सांध्य-वेला
३३७
आचार्य जिनसेन के अनुसार कृष्ण नारायण की कुल अवस्था एक हजार वर्ष की थी। उस में सोलह वर्ष कुमार अवस्था में, छप्पन वर्ष माण्डलिक अवस्था में, आठ वर्ष दिग्विजय में, और नौ सौ बीस वर्ष राज-अवस्था में व्यतीत हए।30 श्रीकृष्ण के जीवन के कुछ तिथि-संवत् :
वैदिक ग्रन्थ महाभारत और पुराणों में कुछ इस प्रकार के उल्लेख प्राप्त होते हैं जिनसे श्रीकृष्ण के जीवन-सम्बन्धी कितने ही तिथि-संवत् निश्चित किये जा सकते हैं। श्री चिन्तामणि विनायक वैद्य ने महाभारत का अनुसंधान कर जिन तिथियों का निश्चय किया है, उनका उल्लेख उनकी मराठी पुस्तक 'श्रीकृष्ण चरित्र' में किया गया है। उसे आधार मानकर महाभारत और पुराणों में वणित श्रीकृष्ण के जीवन की कतिपय घटनाओं के तिथि-संवत् यहाँ पर दिये जा रहे हैं :(१) मथुरा में जन्म और गोकुल को प्रस्थान-संवत् ३१२८ विक्रम
पूर्व की भाद्रपद कृष्णाष्टमी वृषभलग्न, रोहिणी नक्षत्र, हर्षण
योग, अर्धरात्रि १ (२) गोकुल से वृन्दावन को प्रस्थान-आयु ४ वर्ष सं० ३१२४,
विक्रम पूर्व (३) कालिय नाग का दमन -आयु ८ वर्ष सं० ३१२० वि० पूर्व (४) गोवर्धन-धारण -आयु १० ,, , ३११८ , , (५) रास-लीला का आयोजन -आयु ११ ,, ,, ३११७ ,, ,,
३०. कुमारकाल: कृष्णस्य षोडशाब्दानि षट्युता ।
पञ्चाशन्मण्डलेशत्वं विजयोऽष्टाब्दकं स्फुटम् ।। शतानि नव विंशत्या कृष्ण राजस्य सम्मितिः ।
-हरिवंशपुराण० ६०।५३२-५३३, पृ० ७५६ ३१. (क) भाद्र बुधे कृष्ण पक्षे धाव: हर्षणे वृषे ।
कर्णेऽष्टम्यामर्धरात्र नक्षत्र शमहोदये ।। अंधकारावृते काले देवक्यां शौरिमन्दिरे ।
आविरासीद्धरिः साक्षादरण्यामध्वेऽग्निवत् ।। २२ .
-गर्गसंहिता--१, ११-२३-२४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org