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सरकार और समिति के सचिव माननीय श्री देवेन्द्रराजजी मेहता के हम विशेष प्राभारी हैं जिनके सक्रिय सहयोग और सम्यक निर्देशन से इस महत्वपूर्ण ग्रन्थ का प्रकाशन सम्भव हो सका।
माशा है, राजस्थान के जैन साहित्य के अध्ययन, समीक्षण और मूल्यांकन की दिशा में पह ग्रन्थ एक आधारभत ग्रन्थ सिद्ध होगा और इसके माध्यम से समग्र भारतीय साहित्य की प्रात्मा मौर सांस्कृतिक चेतना को समझने-परखने में मदद मिलेगी।
-सम्पादक मण्डल के सदस्य