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10. राजहंस के पंखों पर---मुनि चन्दनः-प्रस्तुत कृति में विविध रूपकों द्वारा धार्मिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक विधा पर प्रतीकात्मक गद्य लिखे हुए हैं।
11. प्रकृति और प्रेरणा--मुनि कन्हैयालाल:-प्रस्तुत कृति में प्रकृति के माध्यम से अनेक प्रेरणाएं दी गई हैं। कुछ गद्य उपदेशात्मक भी हैं।
12. विजय यात्रा--मुनि नथमल:-आत्मा की साक्षात् अनुभूति ही विजय है। तप, संयम, स्वाध्याय, ध्यान, जप, कायोत्सर्ग आदि योगों में जागरुकता यात्रा है। प्रस्तुत कृति में भगवान महावीर की विजय यात्रा को काव्य में प्रस्तुत किया गया है।
13. विचार विकास--मुनि धनराज (लाडनं):-प्रस्तुत कृति में 71 विषयों पर लघु निबन्धात्मक गद्य हैं। इसमें सामान्य जीवन-व्यवहार में उपयोगी विषयों पर अपने अनुभवों तथा विचारों को शब्दों का आकार दिया गया है।
14. नास्ति का अस्तित्व-मुनि नथमल:-प्रस्तुत कृति में जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में आत्मा का अस्तित्व जैसे गम्भीर विषय को काव्य का परिधान देकर सरस व सुगम बनाया गया है। दर्शन के क्षेत्र में यह नया उपक्रम है।
15. उठो जागो---मुनि बुद्धमल:-प्रस्तुत पुस्तक संस्कृत के गधों का हिन्दी अनुवाद है। इसमें 54 गद्य युवक को संबोधित कर लिखे गए हैं ,ये गद्य निराश युवक के मानस को झकझोर कर उसमें कर्तव्य बोध को जागत करते हैं।
विविध साहित्य:
- 1. सास और बहु-मुनि श्रीचन्द्रः-प्रस्तुत पुस्तक पारिवारिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में परिवार के सदस्यों-सास, बह, पति-पत्नी, नौकर आदि के सम्बन्धों पर पूर्ण प्रकाश डालती है । सरल भाषा में सत्य घटनाओं पर आधारित यह पुस्तक हर परिवार के लिए उपयोगी है।
2. स्मृति विज्ञान-मुनि श्रीचन्द्र:-प्रस्तुत पुस्तक में स्मरण शक्ति के विकास के साधनों पर प्रकाश डाला गया है और प्रयोग भी प्रस्तुत किए गए हैं।
3. विसर्जन--मुनि नथमल:-प्रस्तुत पुस्तक में वर्तमान के संदर्भ में विसर्जन के विभिन्न पहलुओं पर समग्रता से विचार किया गया है।
___4. बाल दीक्षा एक विवेचन--मुनि नगराजः-प्रस्तुत पुस्तक में जैन दीक्षा पर सर्वांगीण विवेचन और बाल दीक्षा की उपादेयता पर बौद्धिक तथा ताकिक रूप से विवेचन किया गया है। भारतीय संस्कृति के तथा रूप अनेकों उदाहरणों से पूर्ण है।
5. मर्यादा महोत्सव इतिहास और परिचय-मुनि नगराजः-मर्यादा शताब्दि समारोह के अवसर पर प्रस्तुत पुस्तक लिखी गई है। इसमें तेरापन्थ के मर्यादा महोत्सव का आदि से अन्त तक का वर्णन प्रामाणिकता से प्रस्तुत किया गया है।
6. जयाचार्य की कृतियां--मुनि मधुकरः-प्रस्तुत पुस्तक में महामनीषी जयाचार्य के सम्पूर्ण साहित्य (हस्तलिखित पुस्तकों) का विस्तृत परिचय दिया गया है।