________________
(जोधपुर) में हुई थी।
1. बीस विहारमान रास '
2.
श्रामक विधि रास2
समरा रासा
3.
इसी तरह इस शताब्दी में रचित निम्न रचनायें और उल्लेखनीय हैं:
4.
5. पद्मावती चौपई 4
6. स्थूलभद्र फाग
7. शालिभद्र काक
8. नैमिनाथ फाग
जिनकुशलसूरि पट्टाभिषेक रास
169
1. जिनोदयसूरि पट्टाभिषेक रास 2. स्थूलिभद्र फाग
1.
2.
3. भट्टारक देवसुन्दरसूरि रास 4. चिहुंगति चौपाई
कवि वस्तिग गुणाकरसूरि अंबदेवरि
धर्मकलश मुनि जनप्रभुसूि जिन पद्मसूरि पउम कवि
पउम कवि
15वीं शताब्दी: --
इस शताब्दी में राजस्थानी साहित्य में एक नया मोड़ आता है । इस शती की प्रारम्भ की कुछ रचनाओं में अपभ्रंश का प्रभाव अधिक है पर उत्तरार्ध की रचनाओं में भाषा काफी सरल पायी जाती है । बड़े-बड़े रास उसी शताब्दी में रचे जाने लगे । लोक कथाओं को लेकर राजस्थानी भाषा में काव्य लिखे जाने का प्रारम्भ भी इसी शताब्दी में हुआ ।
राजशेखरसूरि ने संवत् 1405 में 'प्रबन्ध कोष' की रचना की और 'नेमिनाथ फागु' नामक कृति को छन्दोबद्ध किया । संवत् 1410 में पूर्णिमागच्छ के शालिभद्रसूरि ने नादउद्री में देवचन्द्र के अनुरोध से ‘पांच पांडव रास' बनाया । इसी समय संवत् 1412 में विनयप्रभ ने 'गौतमस्वामी रास' को छन्दोबद्ध किया । इस रास ने अत्यधिक लोकप्रियता प्राप्त की और राजस्थान के कितने ही शास्त्र भण्डारों में इसकी हजारों पाण्डुलिपियां उपलब्ध होती हैं । संवत् 1423 में रचित 'ज्ञान पंचमी चौपई' 548 पद्यों की रचना है जिसके रचियता हैं श्रावक विद्वणु । ये जिनोदयसूरि के शिष्य थे । संवत् 1432 में मेरुनन्दनगणि ने 'जिनोदयसूरि गच्छनायक विवाहलउ' की रचना की। यह काव्य छोटा होने पर भी बहुत सुन्दर है । संवत् 1455 में 'साधुहस में 222 पद्यों में 'शालिभद्र रास' का निर्माण किया । इसी समय के लगभग जयशेखरसूरि हुये जिन्होंने 'त्रिभुवन दीपक प्रबन्ध' नामक 448 पद्यों का रूपक काव्य लिखा । पीपलगच्छ के हीरानन्दसूरि ने 'वस्तुपालतेजपाल रास' (सं. 1484), 'विधाविलास पवाडा' (सं. 1485), 'कलिकाल रास' ( 1495 ) की रचना की । उक्त कवियों के अतिरिक्त इस शताब्दी में और भी कितने ही कवि हुये जिन्होंने राजस्थानी में अनेक काव्यों की रचना की। इनमें से निम्न काव्य विशेषतः उल्लेखनीय हैं:--
मुनि ज्ञानकलश हलराज कवि
चांप कवि वस्तो कवि
जैन गुर्जर कविप्रो भाग - 2 1
प्रात्मानन्द शताब्दी स्मारक ग्रन्थ में प्रकाशित ।
संवत् 1368
संवत् 1371
3. प्राचीन गुर्जर काव्य संग्रह में प्रकाशित ।
4.
संवत् 1371 संवत् 1377
भैरव पद्मावती काव्य, परिशिष्ट - 10 1
संवत् 1386
संवत् 1390
14वीं
14वीं
संवत् 1415 संवत् 1409 आधाटनगर
संवत् 1445 / 55 पद्य 15वीं शताब्दी