________________
अध्यात्म की वर्णमाला
भी है। प्रेक्षा के बाद होने वाली प्रेक्षा-अनुप्रेक्षा-गहरी एकाग्रता का अभ्यास । वह एकाग्रता ही तन्मयता को जन्म देगी और तन्मयता सफलता को । असफलता का कोई हेतु नहीं है यदि तादात्म्य की बात समझ में आ जाए।
लाडनूं १ सितम्बर, १९९२
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org