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अध्यात्म की वर्णमाला
आप जागृत हो जाएंगे। इन दो चैतन्य केन्द्रों पर ध्यान करो, इन्द्रिय संयम अपने आप संध जाएगा । आहार का संयम करो, तैजस केन्द्र जागृत हो जाएगा । तैजस केन्द्र पर ध्यान करो, आहार की आसक्ति अपने आप घट जाएगी ।
तेजस केन्द्र की साधना रहस्यपूर्ण साधना है । योग के आचार्यों ने इसे रहस्यमय ही रखा है । आज का युग वैज्ञानिक युग है । वैज्ञानिकों ने अनेक रहस्यों को अनावृत कर दिया है । योग के रहस्य भी जन साधारण तक पहुंचें, केवल योगी तक ही सीमित न रहें, यह वर्तमान की अपेक्षा है । स्वयं साधना या अभ्यास करो । जो अनुभव उपलब्ध हो, उसे दूसरों तक भी पहुंचाओ।
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लाडनूं
१ जुलाई, १९९१
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