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मध्य एशिया और पंजाब में जैनधर्म
(२) मुरादाबाद में प्राचार्य श्री विजयसमुद्र सूरि जी का स्वर्गवास हो जाने से आपने ही प्रच्छी धनराशी की बोली बोलकर उन का दाह संस्कार किया और उस चितास्थान पर उनके समाधिमन्दिर का शिलान्यास भी पाप ने किया।
(३) कांगड़ा तीर्थोद्धारिका, महत्तरा साध्वी श्री मृगावती जी के वि० सं० २०३५ के कार्तिक और फाल्गुण के दो चतुर्मास (मतवातर पाठ मास) की स्थिरता में पाप ने तन-मनधन से वहां पूरा-पूरा सहयोग दिया।
(४) महाभारत काल के प्राचीन कांगड़ा जैनश्वेतांबर तीर्थ का उद्धार वहाँ के किले की तलहटी में जैन श्वेतांबर धर्मशाला का निर्माण तथा इस धर्मशाला के पराँगन में नव श्वेतांबर जिनमंदिर के निर्माण का शिलान्यास आप के ही सफल सद् प्रयत्नों का परिणाम है।
(५) कांगड़ा किला में श्री प्रादिमाथ की प्रतिमा के पूजन, पक्षाल, भारती आदि की जनसंघ के लिये स्वीकृति प्राप्त करना भी आप की सूझ-बूझ का परिणाम है ।
(६) तीर्थ पर पधारने वाले यात्रियों की सब सुख-सुविधाओं की व्यवस्था करने में आप ने दिन रात एक कर दिया।
(७) महत्तरा साध्वी जी के चतुर्मास कराने में पाप का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा ।
(८) प्राप पालीताना की पंजाबी आत्मवल्लभ जैनधर्मशाला के ट्रस्टी, कांगड़ा तीर्थ प्रबंधक कमेटी के प्रधान तथा अनेक जैन संस्थानों के गिने माने उत्साही सदस्य है।
(8) पुण्य के प्रताप से धार्मिक कार्यों में प्राप खुले हाथों अपनी लक्ष्मी का सदा उपयोग करने में पीछे नहीं रहते।। (१०) विशेष जानकारी इसी ग्रंथ में कांगड़ा के इतिहास के अध्याय से प्राप्त करें।
श्री शांतिलाल नाहर (होशियारपुर) १. बाल्यावस्था से ही संघ-सेवा में रुची बनी रही। क्रमाणुसार जैनकुमार सभा, जैन नवयुवक सभा, जैन युवकसभा, श्री प्रात्म जनसंघ के मंत्री के रूप में विविध प्रकार से सेवा की।
२. श्री प्रात्मानंद जैन सभा होशियारपुर के सहायक मंत्री, मंत्री, महामंत्री के रूप में श्रेय प्राप्त कर रहे हैं।
___३. श्री विजयानंद जैन पाठशाला, श्री प्रात्मानंद जैन माडल स्कूल, श्री पात्मानंद जैन हाईस्कूल की कार्यकारिणी के मंत्रीपद भी प्राप्त रहे।
४. प्रमुख जनवंशो की पुण्य भूमि 'दादीकोठी' की प्रबंधक कमेटी के संचालन कार्य में सदस्य के रूप में लाभ उठा रहे हैं।
५. प्राचीन ऐतिहासिक तीर्थ श्री कांगड़ा की कार्यकारिणी में सन् १९४६ से निरंतर मंत्री एवं महामंत्री के रूप में विशेष योगदान दिया हजारों बंधुनों को होली की वार्षिक यात्रा करवाने में महान पुण्य उपार्जन किया।
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