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________________ जैनमंदिर और संस्थाएं ३५ ३-यतियों (पूजों) द्वारा निर्मित जैनमन्दिर X१-स्यालकोट १-जंडियाला गुरु (जिला अमृतसर) X२-पिंडदादनखा २-पट्टी (जिला अमृतसर) X३-रामनगर ३-होशियारपुर X४-पपनाखा ४-लुधियाना x५-गुजरांवाला ५-मालेरकोटला X६-लाहौर ६-साढौरा (जिला अंबाला) X७-अमृतसर ७-रानियाँ (जिला हिसार) X८-अंबाला शहर ८-रोड़ी (जिला हिसार) XE-अंबाला छावनी ह-दिल्ली x१०-जगाधरी १०-दिल्ली X११-सहारनपुर ११-सामाना X१२-करनाल (नोट)- इस निशान वाले मंदिर कुछ तो X१३-पानीपत पाकिस्तान में रह गए हैं और कुछ समाप्त हो X१४-फ़रीदकोट गये हैं । इनमें से नं० ७,८,९,१०,११,१२,१३, X१५-हिसार १४,१५,१६,१७,१८,१६ के सब मंदिर कई वर्षों x१६-सिरसा से समाप्त हो चुके हैं । अथवा बिना पूजा आदि X१७-सोनीपत x१८-जगरांवा X१६-फगवाड़ा ४-भारत के वर्तमान पंजाब में जैनमन्दिर उपाश्रय आदि १-अमृतसर (१) बड़ा श्वेतांबर जैनमंदिर, मूलनायक श्री शीतलनाथ जी । यह मंदिर पहले शिखरबद्ध नहीं था। शिखर बनने के बाद इसकी प्रतिष्ठा वि० सं० १६४८ मिति वैसाख सुदि ६ को प्राचार्य श्री विजयानन्द सूरि जी ने कराई थी। इस मंदिर का निर्माण वि० सं० १६८३ से १६८८ के बीच में हुआ था। मंदिर नगर के मध्य में जमादार हवेली के बाज़ार में है। इस की सार संभाल यहाँ का श्वेतांबर श्रीसंघ करता है और यह श्वेतांबर पंचायती मंदिर है। (२) एक श्वेतांबर जैनमंदिर सुलतानबिड गेट के बाहर है। मूलनायक श्री पार्श्व नथ प्रभु हैं । यह मंदिर वि० सं २००५ के लगभग बना । इसकी सारसंभाल ट्रस्ट करता है। (३) श्री प्रात्मानन्द जैनभवन-बड़े मंदिर के सामने है। इसमें पुस्तकालय, वाचनालय, है। उपाश्रय तथा धर्मशाला के रूप में भी काम में लिया जाता है । (४) श्री प्रात्मानन्द जैन भवन में श्री विजयानन्द सूरि (प्रात्माराम) जी के हस्तलिखित शास्त्र तथा प्रकाशित ग्रंथों का बहुत महत्त्वपूर्ण संग्रह था जो प्राचार्य श्री विजयवल्लभ सूरि जी ने श्री आत्मानन्द जैन सेंट्रल लायब्रेरी के नाम से विजयानन्द सूरि के स्वर्गवास के बाद स्थापित किया था। पाकिस्तान बनने पर यहां के श्रीसंघ ने यह हस्तलिखित शास्त्रभंडार पाटण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003165
Book TitleMadhya Asia aur Punjab me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1979
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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