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________________ पंजाब में जैनों की आबादी वाले नगर २५३ किनकी प्रतियाँ अनेक ग्रंथ भंडारों में मिलती हैं। इस समय सिरसा में कोई शास्त्रभंडार नहीं है । कवि माल के रचित ग्रंथों का विवरण मागे देगे । जिज्ञासु पाठक वहाँ से जान लें । ९. पंजाब के कतिपय नगर जहां जैनी आबाद रहे हैं अमृतसर, अकबर रसूल शहर, अंबाला छावनी, अंबाला शहर, अंबाहटा, अबदुल्ला खां की गढ़ी, अहियापुर, इन्द्रापुर, उच्चनगर, उरमड़, ऊना, कलानौर, किलादीदार सिंह, किलासोभासिंह, कुंजाह, कसूर, कोहाट, करतारपुर, काशल, करनाल, कपूरथला कैथल, कालाबाग ( बागा), काँगड़ा, कीरग्राम ( पपरौला), कोटईसा खाँ, कोटिलग्राम, कुरुक्षेत्र, किलानूरपुर, कराची, कोटकपूरा, क्यासपुर, कोटली, खरड़, खानकाहडोगरा, गुज्जरवाल, गुजरांवाला, गोसलपुर, पिरोजपुर (फ़िरोज़पुर ), पानीपत, पंजौर, पंचकूला, परजियाँ, फ़रहाली, फ़ाज़िलका, फगवाड़ा, फ़रीदकोट, फ़रीदपुर, बोध्याना, बहादुरपुर, बटाला, बन्नू, बंगियाँ, बिनौली, बड़ौत, बठिंडा, बरहानपुर, बरनाला, बलाचौर, भेहरा, भाबड़ियाँ, भाबड़ागाँव, महाजनग्राम, भटनेर, मुलतान, मुक्तसर, मल्लिकपुर, मल्लिकवाहन, ममदोट, मयानी अफ़गानां मालेरकोटला, मम्मन वाहन, मरोटकोट, महता ( जि० अमृतसर), मुज्जफ़रनगर, मेरठ, मारीइडस, मुकेरियां, मनसूरपुर, रामनगर, गाजीपुर, गढ़दीवाला, गजपुर, गोपाचलपुर, गोरीपुर, गंडलिया, गुरुकाचक्क, घटियाला, चन्द्रवृक्षग्राम, चोपड़ाग्राम, चुहनिया नगर, चंडीगढ़, जेहलम, जाँगलू, जलालाबाद, जैतों, जम्मूतवी, जगाधरी, जालंधर, जींद, जीरा, जैजों, जंडियाला गुरु, जगरावां, भंडांवाली भुंबा, टांडा, डेरागाजिखां, डमरैल, डस्का, डिड़पुर, ढोलबाहा, तलपाटक, थानेसर, तक्षशिला, दसुप्रा, दिल्ली, देरावर, दीनानगर, देपालपुर, द्रोहटा, नाभा, नारोवाल, नालागढ़, नालपट, नकोदर, नादौन, नन्दनपुर, पट्टी, पक्खोवाल, ( लुधियाना के निकट ), पपनाखा, पसरुर, पिंडदादनखाँ, पटियाला, रावलपिंडी, रेणुकोट, रोहतास, यमुनानगर, राहों, राणियाँ, रोड़ी, रायकोट, रूपनगर ( रोपड़ ) रामपुर, योगिनीपुर (दिल्ली), लुधियाना, लाहौर, लतंबर, रियासत गूलेर, लैय्या, लाहड़कोट, लायलपुर, माऊटगुमरी, विडाला, व्यास, वीरपुर, वयरोवाल, शिवनगरी, शाहदरा (दिल्ली), शेरपुर ( लाहौर का किला ) शिवपुर, शंकर, सुराला, सनखतरा, सालकोट (स्यालकोट), संबलग्राम, सुनाम, सामाना, सुलतानपुर, सिंहपुर, सिरसा, साढौरा, संगरूर, संबडियाल, शांकर, शाहकोट, सोनीपत, सिंहनद, सिरहद, सरसावा, सरगोधा, समीयाना, हिसार, होशियारपुर, हाला, हाजीखाँ का डेरा, हैदराबाद सिंध, हस्तिनापुर, वीतभयपत्तन, टोबाटेकसिंह, हिमीयाना, करतारपुर, सुलतानपुर, अहमदगढ़, तरणतारण, तथा अन्य भी बहुत छोटे बड़े ग्राम और नगर हैं जहाँ पर जैनपरिवार थे और हैं । १० पंजाब में बसने वाले जैनों के गोत्र पंजाब में चार वंशों के जैनधर्मानुयायी आबाद हैं- प्रोसवाल, खंडेलवाल, अग्रवाल , श्रीमाल (१) ओसवालों के गोत्र दुग्गड़, नाहर, भाभू, संचिति (संचेती), बबेल, धरकुट्टा, लोढ़ा, जॉबड़, हींगड़, सुसांखुला डागा, घघेरवाल, तातड़, राजध्याना, सुरोंवा, पुष्करणा, मिचकिन, सोना, दुसाझा, बाफणा www.jainelibrary.org Jain Education International For Private & Personal Use Only
SR No.003165
Book TitleMadhya Asia aur Punjab me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1979
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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