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मध्य एशिया और पंजाब में जैनधर्म
तसकी हाफिज़ाबादी संपादक साधु, ८. बांकेदयाल संपादक ऊर्दू भंग इत्यादि अनेक पत्रकारों को जन्म देने का गौरव इसी नगर गुजरांवला को ही है ।
सरकारी उच्चाधिकारी
१. जम्मू व काश्मीर के महाराजा रणवीरसिंह के महामंत्री ( Chief Dewan) लाला ज्वाला सहाय जी नन्दा थे २. उनके सुपुत्र दीवान कृपाराम नन्दा ने बद्दोकी गोसाइयाँ जिला गुजराँवाला में टोमड़ी साहब ( पवित्र धर्मस्थान) की नींव भी रखी थी और निर्माण भी कराया था । इस पिता पुत्र का जन्म इमनाबाद गांव जिला गुजरांवाला में हुआ था । ३. जम्मू काश्मीर के महाराजा सर प्रतापसिंह के तोशकखाना के इंचार्ज लाला हरभगवानदासजी बीसा ओसवाल ( भावड़ा) दूगड़ गोत्रीय जैन गुजरांवाला नगर के ही थे । ४. इनके पुत्र लाला अनन्तरामजी एडवोकेट, जो श्री आत्मानन्द जैन गुरुकुल पंजाब के मंत्री, पश्चात् इसी गुरुकुल की अधिष्ठाता ( Governor ) भी रहे, गुजराँवला निवासी थे ।
मल्लों (पहलवानों) का केन्द्र
प्रायः देखा जाता है कि जिस धरती पर विचक्षण बुद्धि के धनी होते हैं वहां के सर्व साधारण लोग प्रायः कमज़ोर होते हैं । पर यह बात गुजरांवाला पर लागू नहीं होती है । विलक्षण विद्वानों, विचक्षण व्यापारियों के जन्म लेने वालों के साथ-साथ बड़े-बड़े पहलवानों का भी यहाँ जन्म हुआ हैं । १. महाराजा रणजीतसिंह का शाही पहलवान 'पंजाबसिंह खंभ' जो दो भैंसों को लड़ते हुए उनको सींगों से पकड़ कर अलग कर देता था । २. रहीम पहलवान भारत केसरी (रुस्तमे हिन्द) प्रादि अनेक महामल्लों (पहलवानों) को इस नगर की धरती ने जन्म दिया है ।
व्यापार व्यवसाय का केन्द्र
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१. चावल, गेहूं, चना आदि अनेक प्रकार के अनाजों के व्यापार का यह नगर बहुत बड़ा केन्द्र था । २. लोहे की तिजोरियों (प्रलमारियों) फर्निचर निर्माण के बड़े बड़े कारखाने थे । ३. पीतल, तांबा, कांसी, एल्युमोनियम आदि धातुओं को निर्माण करने बड़े-बड़े कलकारखाने थे । ठठिया ( बरतन निर्माता कारीगरों) द्वारा हाथ की कारीगरी से बरतन निर्माण होकर देश विदेश में भेजे जाते थे । ४ वाटरपम्प फिटिंग तथा सेनीटरी के सामान बनाने के भी यहाँ बड़बड़े कारखाने थे । कपड़े की बहुत बड़ी मंडी थी । किराना, बसाती इत्यादि सब प्रकार के व्यवसायों का यहाँ व्यापार होता था ।
समृद्ध और सदाचारी जीवन
यहाँ के निवासी सामाजिक, धार्मिक तथा व्यावसायिक दृष्टि से सम्पन्न, सदाचारी और मिलनसार थे । इनका अतिथि सत्कार आदर्श था ।
जैनमंदिर तथा संस्थाएं
गुजरांवाला में जैनों के मंदिरों तथा संस्थानों का परिचय श्रागे देंगे ।
७. सिरहंद
यहां एक चक्रेश्वरीदेवी का जैनमंदिर है । चक्रेश्वरीदेवी जैनों के प्रथम तीर्थंकर श्रर्हत् ऋषभदेव तथा नत्रपदात्मक सिद्धचक्र की शासनदेवी है और शत्रु जय सिद्धक्ष ेत्र - जैन तीर्थं की
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