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________________ जरांवाला . २४६ कवि तथा ग्रंथ रचयिता १. इस युग के पंजाबी भाषा के महाकवि कालीदास, २. रागविद्या के विद्वान भाई नधानसिंह, ३. जैनशास्त्रों के प्रकांड विद्वान लाला कर्मचन्द जी दूगड़ शास्त्री, ४. जैनकवि नाला खुशीराम जी दूगड़, (५) लाला कर्मचन्द जी दूगड़ शास्त्री के सुपुत्र जैन कवि ईश्वरदास जी, १. लाला दीनानाथ जी चौधरी दूगड़ (इस ग्रंथ लेखक के पिता) ज्योतिषविद्या के प्रकांड विद्वान है जिनकी विद्वता का लोहा पंजाब में सब मानते थे। ७. श्री हीरालाल दूगड़ जैनदर्शनप्रागम, इतिहासादि के मर्मज्ञ विद्वान, वक्ता तथा लेखक (वर्तमान में दिल्ली निवासी) जिन्होंने प्राज तक जैनधर्म सम्बन्धी लगभग ४० ग्रंथों की रचना की है। ये सब गुजरांवाला नगर नेवासी हैं। देश सेवक १. भारत के नर-रत्न- पंजाब के सुपूत शेरे पंजाब महाराजा रणजीतसिंह, २. इसके पेनापति सरदार हरिसिंह नलवा, ३. महाराजा रणजीतसिंह का मुलतान-विजयी दीवान, ४. महाराजा रणजीतसिंह का दीवान सावनमल जो रणजीतसिंह की तरफ़ से मुलतान का सूबेदार था। ५. सावनमल से पहले रणजीतसिंह की तरफ़ से मुलतान का सूबेदार सुखदयालसिंह; ये सब गुजरांवाला के ही सपूत थे। जिन्होंने भारतमाता के गौरव को बढ़ाया था । ... स्वतंत्रता संग्राम के समय ई० स० १६१६ में अंग्रेजी सरकार ने अमृतसर जलयांवाला के बाग़ में मार्शलला लगाकर गुजरांवाला पर वायुयानों से बम वर्षा की। यहाँ के प्रजाजनों को टिकटिकी लगाकर बैतों से पीटा गया। अनेकों को गोली से उड़ा दिया गया। अनेकों को फाँसी और देशनिकाल तक तथा आजीवन कैद दंड दिये गये थे । १. पाकिस्तान सिंध के प्रथम गवर्नर बाबू दीन मुहम्मदखाँ, २. सरदार लाभसिंह बारएट-लॉ, ३. डाक्टर गोकलचन्द नारंग, ४. श्री भीमसेन सच्चर, ५. इनके सुपुत्र श्री विजयकुमार सच्चर, ६. लाला गुलजारीलाल नन्दा, ७. श्री बाँकेदयाल सम्पादक दैनिक झंग ऊर्दू, ६. सरदार अवतारसिंह १०. मल्लिक लालखा, ११. काँग्रेस प्रधान श्री निरंजनलाल बग्गा, १२. लाला तिलकचंद जैन ओसवाल, जनरल सेक्रेटरी जिला कांग्रेस कमेटी, श्री रोशनलाल व्यास, १५. श्री देवीदयाल रगड़, १५. श्री किशनलाल मक्कड़, १६. श्री बिहारीलाल तुली, १७. श्री रामदास, १८. श्री रामलाल, १६. श्री भगवानदास, ४०. सरदार जवाहरसिंह, ४१. श्री बलराज मधोक, २२. मार्शललॉ के समय अंग्रेजों के गुजरांवाला नगर पर बम बरसाने से होने वाला शहीद सरदारीलाल आदि अनेक देश सेवकों की जन्मभूमि होने का गौरव इसी नगर को है। पत्रकारों की जन्मभूमि १. स्वामी रामतीर्थ-पैसा' नामक ऊर्द पत्र के संपादक, २. उत्तरभारत के प्रसिद्ध ऊर्दू दैनिक 'प्रताप' समाचार पत्र के संस्थापक और भूतपूर्व संपादक तथा पंजाब प्रार्य प्रतिनिधि सभा के भूतपूर्व प्रधान महाशय कृष्णजी का जन्म स्थान वजीराबाद ज़िला गुजरांवाला है। ३. दिल्ली से निकलने वाले ऊर्दू मासिक "रसाला प्रोम" के प्रोप्राइटर श्री गोरखनाथजी नन्दा तथा ४. इन के चाचा दीवान देसराज जी नन्दा ५. मियां महताबदीन बट, ६. मुनशी शिवनाथ राय, ७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003165
Book TitleMadhya Asia aur Punjab me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1979
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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