SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 25
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (20) विषय पृ० सं० | विषय पृ० सं० ६. प्राचार्य श्री विजयललित सूरि ४६२ | २१. मुनि जयशेखरविजय, मुनि उद्योत. ७. आदर्शोपाध्याय श्री सोहनविजय जी ४६४ | विजय आदि ५२० (१) ढूंढक दीक्षा और उसका (१) साध्वी समुदाय (१) प्रवर्तवीत्याग तथा संवेगी दीक्षा ४६५ देवश्री जी ५२१ (२) समाज में क्रांति-समाज (२) पंजाब में संवेगी साध्वियों सुधार ४६६ का प्रागमन ५२२ (३) पंजाब में क्रांति का श्रीगणेश ४६६ जीवीबाई की दीक्षा-नाम (४) सनखतरे में चतुर्मास ४६८ साध्वी देवश्री जी ५२२ (५) शरारतबाजी व थानेदार (४) पुनः पंजाव में आगमन व पर उपदेश का प्रभाव ४६६ प्रवर्तनीपद से विभूषित ५२४ (६) जन्मभूमि जम्मू की तरफ (५) देश विभाजन के समय ५२५ विहार व एकता का आह्वान ५०० (६) स्वर्गगमन व जीवन की (७) पिंडदादनखाँ का सौभाग्य ५०१ विशेष घटनाएं ५२७ (८) उपाध्याय पदवी का लाभ व । (७) शिष्यापरिवार ५२८ पाप गजरांवाला में ५०२ | २. जैन भारती, कांगड़ा तीर्थोद्धारिका, (९) अंतिम चतुर्मास, अभिनंदनपत्र । महत्तरा, साध्वीरत्न-श्री मगावाती व आदर्श गुरुभक्ति श्री जी की गुरुणी शीलरंवती जी (१०) सार्वजनिक व्याख्यानों की महाराज तथा साध्वी श्री- ५२८ सूचि व चतुर्मास विवरण ५०४ मृगावतीश्री जी आदि ठाणा ४ ५३० ८. प्राचार्य विजयप्रकाशचंद्र सूरि ५०५ (१) काँगड़ा ऐतिहासिक चातुर्मास ५३३ ६. प्राचार्य श्री कैलाशसागर जी ५०८ (२) केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त १०. मुनि श्री रतनविजय (हाकिम राय) अनुमति प्रादेश जी ५३४ (३) विशेष ज्ञातव्य ५३५ ११. आचार्य विजयविद्या सूरि व (४) साध्वी सुज्येष्ठाश्री जी ५३५ प्रशांतमूर्ति मुनि विचारविजय जी ५१० (५) साध्वी श्री सुव्रताश्री जी १२. मुनि श्री विवुधविजय तथा मुनि विज्ञानविजय (६) साध्वी सुयषाश्री जी १३. पन्यास जयविजय जी गणि ५१२ (७) देहली में वि० सं० २०३६ १४. तपस्वी मुनि श्री बसंतविजय जी ५१४ का चातुर्मास ५३७ १५. मुनि श्री अनेकांतविजय तथा (5) वल्ल म स्मारक योजना उनके शिष्य ५१५ ४. साध्वी आनंदश्री जी ५३८ १६. मुनि श्री विशुद्ध विजय जी ५१७ ५. साध्वी श्री जसवन्तश्री जी आदि ठाणा ६ ५३८ १७. गणि श्री जनकविजय जी महाराज ५१७ (१) साध्वी श्री प्रियदर्शनाश्री जी ५४० १८. मुनि श्री हेमचन्द्र विजय व मुनि (२) साध्वी श्री प्रगुणश्री जी ५४३ श्री यशोभद्रविजय ५१८ (३) साध्वी श्री प्रियधर्माश्री जी ५४३ १९. मुनि चन्दनविजय जी ५१६ (४) साध्वी श्री प्रियरत्पाश्री जी ५४४ २०. आचार्य श्री विजयउमंग सूरि, मुनि (५) साध्वी श्री हर्षप्रभाश्री जी ५४४ शिवविजय जी, मुनि जितेन्द्रविजय ५२० (६) प्रमुख जैनश्रावकों का परिचय ५४८ ५३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003165
Book TitleMadhya Asia aur Punjab me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1979
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy