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________________ ६० विश्व शान्ति और अहिंसा (१४) नशीली दवाओं के सेवन एवं सुरापान को समूल नष्ट करें। (१५) खाद्य सामग्री के हर प्रकार के अपव्यय को रोकें तथा यह प्रयास करें कि इस प्रकार से बचाई गई भोजन सामग्री का उपयोग उपमानवीय पशुओं, पालतू प्राणियों एवं पक्षियों की यथेष्ट उदर-पूर्ति में किया जाए । (१६) शाक-सब्जियों आदि की घरेलू उपज को प्रोत्साहित कर भोजन का शान्ति-स्टॉक तैयार करें । (१७) फल- वृक्षों, औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों को घर-घर में उपजा कर स्वस्थ जीवन का मार्ग प्रशस्त करें । (१८) उत्साही व्यक्तियों को इस बात के लिए प्रेरित करना कि वे प्रतिदिन कम से कम एक पत्र देश व विदेश में लिखकर विश्व समुदाय के देशों के बीच शान्ति सम्पर्क और सद् भावना स्थापित करें। (१९) सुलेख का उपयोग शान्ति पोस्टर्स को बढ़ावा देने की एक कला के रूप में करें। (२०) वैयक्तिक जीवन में गणाधिपति श्री तुलसी द्वारा तैयार की गई अणुव्रत आचार संहिता का पालन करें। ६. राजनीतिक कार्य शान्ति और अहिंसा के प्रचार और प्रसार में राजनीति को भी प्रभावशाली माध्यम मानकर तत्सम्बन्धी निम्नांकित कार्य संपादित किये जाए (१) एक विश्व सरकार गठित करने में योगदान - वह सरकार जो विश्व के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करे तथा शान्ति के सम्बन्द्ध समस्त उपलब्ध संसाधनों और सामग्री का यथेष्ट उपयोग करे । (२) आधिकारिक रूप से लोगों को पूर्णतया अहिंसावादी बनने के लिए प्रोत्साहन देना । (३) बाल शान्ति संगठन (चिल्ड्रन्स पीस फाउन्डेशन) की स्थापना और इसके अन्तर्गत बच्चों का, विशेषतः विश्व नेताओं के बच्चों का, उन स्थानों के Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003163
Book TitleVishwashanti aur Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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