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________________ जीवन विज्ञान : स्वस्थ समाज रचना का संकल्प 1 नियोजित हैं कि आदमी उसके सामने कुछ भी नहीं है, बहुत छोटा है। आज का युग कम्प्यूटर का होता जा रहा है। सूचनाओं, ज्ञान और आंकड़ों का संबंध स्मृति से है। टेपरिकार्डर सारी बात दुहरा देता है शिक्षा का काम केवल स्मृति को बढ़ाना ही नहीं है, केवल आंकड़ों से मस्तिष्क को भरना ही नहीं है, साक्षरता ला देना ही उसका काम नहीं है, उसका काम भावों का परिष्कार करना भी है। इसी से व्यक्ति में स्वतंत्र निर्णय, स्वतंत्र चिन्तन और दायित्व - बोध की क्षमता विकसित होती है। यह तभी संभव है कि शिक्षा केवल साक्षरताभिमुख न रहे। उसमें कुछ और भी जुड़े। संवेग और संवेद-ये दो महत्वपूर्ण तत्व हैं, क्योंकि वर्तमान में जो सामयिक समस्याएं हैं वे सारी इन दो तत्वों के साथ जुड़ी हुई हैं। जो शिक्षा प्रणाली विद्यार्थी को समाज की वर्तमान समस्याओं के संदर्भ में कुछ कार्य करने की प्रेरणा नहीं देती, वह शिक्षा प्रणाली बहुत काम की नही होती। फेरो ने ठीक ही लिखा है- साक्षर व्यक्ति केवल सरकार का ईंधन बनता है।' आज की शिक्षा ईंधन मात्र तैयार कर रही है, ज्योति तैयार नहीं करती । ज्योति और ईंधन एक बात नहीं है । ईंधन तैयार करना बहुत बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात है ज्योति प्रज्वलित करना | T आज समूचे विश्व में बहुत क्रांतदृष्टि से सोचा जा रहा है कि शिक्षा में क्या परिवर्तन होना चाहिए। जिस शिक्षा से समाज में, व्यवस्थाओं में परिवर्तन नहीं आता संकट कम नहीं होता, समाज का उत्पीड़न कम नहीं होता, उस शिक्षा को भारतीय दर्शन में अशिक्षा और ज्ञान को अज्ञान माना है। भारत की प्रत्येक धर्म - परम्परा में यह स्वर समान रूप से मिलेगा कि जिससे संयम की शक्ति और त्याग की शक्ति नहीं बढ़ती, वह ज्ञान अज्ञान है। जिसमें त्याग और संयम नहीं है, वह पंडित नहीं, अपंडित है। ४६ जैन ग्रंथों में 'बाल' और 'पंडित'- ये दो शब्द प्रचलित हैं। बाल तीन प्रकार के होते हैं। एक बाल होता है अवस्था से, दूसरा बाल होता है अज्ञान से और तीसरा बाल होता है असंयम से। जिसमें त्याग की क्षमता नहीं है, वह सत्तर वर्ष का हो जाने पर भी 'बाल' कहा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003160
Book TitleJivan Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size7 MB
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