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६० / नए मंदिर : नए पुजारी
क्रासिंग पर पैर रखा कि दाहिनी ओर से रेलवे पुलिस की सनसनाती हुई गोली आई और उसके कलेजे को बींध गई । वियाणी वहीं गिर पड़ा। गिरते ही उसके प्राण पंखेरू उड़ गये। थोड़ी देर में यह बात सारे शहर फैल गई । बियाणी के संबंधियों ने आकर देखा तो दंग रह गये । उन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखवाई । तत्काल पुलिस आई, पर वह यह देख कर दंग रह गयी कि बियाणी के आस-पास रेलवे का कुछ कीमती सामान इस तरह बिखरा पड़ा हुआ था, जैसे वह उसे चुरा कर भाग रहा था । उसके आगे पुलिस कुछ नहीं कर सकी । परिवार वाले तर्क देते रहे कि यह सारा षडयंत्र है । उन्होंने रेलवे पुलिस पर केस भी किया। अच्छेअच्छे वकील भी लगवाये | बियाणी के मित्रों में भी यह जोश था कि वे इस निर्मम हत्यारे को अवश्य दंडित करवायेंगे, पर प्रफुल्ल चक्रवर्ती ने पिछले घटना चक्र से अनुमान कर लिया कि कानून के एक अन्ध समर्थक की मौत हो गई और अब कानून की भी मौत होने वाली है ।
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