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आसपास के ग्रामों के अवशिष्ट लेख ४११ महाप्रधान सर्वाधिकारी तन्त्राधिष्ठायक कम्मट माचय्य तथा उनके श्वशुर बल्लय्य ने जिनालय में दीपक के लिए तेल के टेक्स का दान दिया। ___कुण्डञ्चनायक की भार्या राचवे तथा नायकिति के पुत्र कुन्दाड हेगडे ने नयचक्रदेव की प्राज्ञा से बस्ती निर्माण कराई।
इसी प्रकार महाप्रधान सर्वाधिकारी हिरिय भण्डारी हुल्लय के साले अश्वाध्यक्ष ठरियण्ण ने कुम्बेयनहल्लि के देव की प्रतिष्ठा कराई।
वादिराजदेव ने ये दान श्रीपाल विद्यदेव के शिष्य शान्तिसिंगपण्डित व परवादिमल्लपण्डित व उमेयाड व वादिराजदेव को दिये । ]
४६६ चन्नरायपट्टन में गद्दे रामेश्वर मन्दिर के
सन्मुख एक पाषाण पर
(शक सं० ११०८)
[ ऊपर का भाग टूट गया है ] .....श्रेष्ठगुण पोगले सत्ययुधिष्ठिर......नवसेकाररधिष्ठायक......यण्णनं बुधनिधियं ।। सोगयिसुव गङ्गवाडिगे
मोगमेने . न...पुददरोल । मिग दिण्डिगूर शाखा
नगर बोटेनिपुदल्ते मोनेगनकट्टे ॥ १ ॥ कनकाचलकूटदवोलु
घनपथमं मुट्टि नेट्टनम प्पुविनं ।
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