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प्रासपास के ग्रामों के अवशिष्ट लेख ३८१
चिकसङ्कण...प्र...न बरकोट कोडग...
.........ला ससन मङ्गल महा श्री श्री। [ इस टूटे हुए लेख में एक उद्यान के दान का उल्लेख है ] ४८३ ( ३६३ ) दे......य-नायकन मग मादेय नायक
माडिसिद नन्दि [मादेय नायक ने नन्दि निर्माण कराई 1
कण्ठीरायपुर ग्राम के लेख ४८४ ( ३६५ ) श्रीमतु पण्डितदेवरुगल गुड़ गलु बेलु
गुलद नाड चेन्नण-गोण्डन मग नागगोण्ड मुत्तगदहोन...लिय कल्लगोण्ड बैर गोण्डनालगाद गौडुगल मङ्गायि माडिसिद बस्तिर्ग कोट्ट वोडर कट्टेय गद्दे बेद्दलु यि-धर्मक्के तपिदवरु वारणासियलु... हस्रकपिलेय
कोन्द पापके होह......ल-महा श्री श्री श्री। [ पण्डितदेव के उक्त शिष्यों ने मङ्गायि की बनवाई हुई बस्ति को वड्डरकोहे की भूमि प्रदान की। जो कोई इस दान का विच्छेद करे उसे बनारस में एक हजार कपिला गौओं की हत्या का पाप हो।]
४८५ ( ३६६) श्री चामुण्डरायन बस्ति सीमे ।
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