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आसपास के ग्रामों के प्रवशिष्ट लेख ३७६ तण्णन सच्चरित्र......गदोलु ॥ जन-जिन-मणि...निहा .........नियवे...न रूप-यौवन-गुणसम्पत्तियिन्दात वत्तिगु......भुवन-भूषण-बालचन्द्र...रुहक . ल . द्य ......बहल-चदु......गजराज......तीब-ज्वरो...कर्कशः प्रतिका...रिय...सक-वर्षद ११३६ नेय श्रीमुखसंवत्सरद कार्तिक शुद्ध ५सो। प्रभात-समयदोल सन्यसनसमन्वितं ।।
कन्द ।
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पञ्च-नमस्कार मन सञ्चलिसदेन्तोप्पुदु सकल... ...बदु......गरुह
......र दिविज-वधुगं वल्लभनादं ।। ...यम्म...सादरक............ ...य यल्लर ॥ अन्तु...देवर घि...यर दहन-स्तानदोल परोक्ष...निमित्तवागि बैराजनिं माडिसिद बालचन्द्र देवर मग...न शिलाकूट । मात.........शोल-बत... गुण......द विभव......भूतलदोल कालब्बेये सीतेगे रुग्मिणिगे रतिगे सरि दोरे सम......वेनिसिदा-महासति क्षयि......स्तानमनरिदे.........भाव-संवत्सरद जेष्टब । द्वि । निशान्तदोल सल्लेखन-विधियिं समाधिय पडेदु स्वर्ग-प्राप्तेयादलु ।। श्रीशान्तिनाथाय... ॥
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