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विन्ध्यगिरि पर्वत के अवशिष्ट लेख ३३६ ३५३ ( २२६).........क-संवत्सर श्रावण सु ५...
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सि......पाल......पा-ग्रामदल्लि ना... कियना...य...ग्रामक्के सलु...दलु...... कट्ट...डारम्भ-नीरारम्भ-सकल-सुवर्नादाय-सकल-दवसादाय आ......गरु आ-ग्राम......ग११... ..वरहगलनु ।
[ इस लेख में मय नगद और अनाज की आमदनी के किसी ग्राम के दान का उल्लेख रहा है।]
३५४ ( २३०) क्रु............फाल......... अनुभ...
को......य सीमेगे बेकद......कण्डुय ......वूलि .....प्रा-ग्रामके...वनु नीवे तेत्तुकोण्डु........ प्रा-ग्रामदलिन नमगे सलुव पत्तिगयनु पौत्रपारम्परे श्रा-चन्द्राक स्थायियागि अनुभविसिकोण्डु बरुवदु यी .........क्रय-साधन......यी-मर्यादि ......क्रयसाधन .......... - ..... नाग-गवुडन .........द स्थानीक...... ......साक्षिगलुन......हलिय...बाल मल्ले देवरु नज्जेगवुड हिन्दल......द
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