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चन्द्रगिरि पर्वत के अवशिष्ट लेख .... तीर्त्यदि सिद्धियान्...
२१६ (११०) श्रीकण्ठय्य ।
२१७ (१११) श्री
......नेगर्तेयगुं सेदेणे - वडेसि द
दल
मुगिव नान्तुम्मेवाल... तपमं
...नि...... पौत्र नन्दिमुनिप.........
(
.. माय्य न यु... हमालो तल इदरुल नान्तु
२१
[ नन्दिमुनि ने यहाँ व्रतपाल सिद्धि प्राप्त की ]
२१८ (११२) श्री नविलूर सङ्घदा गुणमति-अव्वेगला निसिधिगे ।
२१८ (१२५) अनेक शील गुणदोप्पिदोरिन्तु लेकिक सुदुम् नेनेगेन्दोरु मुनियिन्दलू तपच्चले नान्तु ताम् तमगे मृत्युवरवानरिदं श्री पुर्त्तिय..
३१-८
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सिद्धिस्थनादम् ।
...]
[ अनेक शील-गुण सम्पन्न पूर्त्तिय ने मृत्यु का आगमन जान... २२० (११६) ई - पूज्या... लमान्स रेति
वरदो रेल - नूर्व्वर' लक्ष्यमी
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