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श्रवण बेल्गोल नगर में के शिलालेख शिष्यरु पदुमन्दि -देवरु कोट्ट पह, श्रीमन्महामण्डलाचारियरु नेमिचन्द्र देवर तम्म सातगानवर मग पदुमण्ननवरु कोट्ट ग १ प २ मुनिचन्द्र-देवर अलिय आदियण्न ग १ प २६ बम्मि सेट्टियर तम्म पारिस-देव ग १ प २३ जनवुरद सेनवोव मादय्य ग १ प २२ प्रातन तम्म पारिस-देवय्य सिंगण्न प ६, सेनबोव पदुमण्नन मग चिकन ग प १ भारतियक्कन नेम्मवेयक प १ अग्गप्पगे...
श्रीमन्महा-मण्लाचारियरु राजगुरुालुमप्प श्री-मूल-सङ्घद समुदायङ्गल दुम्मुखि-संवत्सरद आषाढ़ सु ५ मा ।। श्रीगोम्मट-देवर श्री-कमठ-पारिश्व-देवरु भण्डार्ययन बसदिय श्रोदेवरवल्लभ-देवरु मुख्यवाद बसदिगल देव-दानद गहे बेद्दलु सहित खाण अभ्यागति कटक-शेसें बसदि मनक्षतयिवु मुन्तागि येनुवर्नु कोलिवेन्दु बिट्ठ श्री-बेलगुल-तीर्थद समस्तमाणिक्य-नगरलु कब्बाहु-नाथ-अरुवणद गाडु-प्रजेगलु मुन्तागि श्रोदेवरवल्लभ-देवर हाडवरहल्लिगे सम्भुदेव अन्यायवागि मलब्रयवागि कोम्ब गद्याण अय्दनु आदेवरवल्लभ-देवर रङ्ग भोगक्के सलुवुदु साहल्लिय अष्ट-भोग-तेज-साम्य किरुकुल येना दोडं प्रादेवरवल्लभ-देवर रङ्ग-भोगक्के सलु ।।
[उक्त तिथि को भण्डारियय बस्ती के देवर वल्लभदेव के नित्या. भिषेक के लिए उदयचन्द्र देव के शिष्य मुनिचन्द्र देव आदि ने उक्त चन्दे की रकम एकत्रित की ।
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