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२७६ अवण बेलगोल नगर में के शिलालेख
उरगेन्द्र-क्षीर-नीराकर-रजत-गिरिश्री-सित-च्छत्र-गङ्गाहर-हासैरावतेभ-स्फटिक-वृषभ-शुभ्राभ्र-नीहार-हारामर-राज-श्वेत-पङ्क रुह-हलधर-वाकछसहंसेन्दु-कुन्दोकर-चञ्चकीर्ति-कान्तं बुध-जन-विनुतं भानुकीति
ब्रतीन्द्र ॥४॥ श्रो नयकीर्ति-मुनीश्वरसूनु श्री भानुकीर्ति-यति-पतिगित्तं । भूनुतनप्पाहुल्लपसेनापति धारयेरेदु सवणेरुर ॥ ५ ॥ [ इस लेख में हुल्लराज मन्त्री की धर्मपत्नी पद्मावती ( पालदेवी) की प्रशंसा के पश्चात् उल्लेख है कि हुल्लराज ने नयकीर्ति मुनि के शिष्य ( सूनु ) आनुकीत्ति को धारापूर्वक सवणेरु ग्राम का दान दिया।]
१३७ (३४७) उसी पाषाण की वायीं बाजू पर
(शक सं० १२०० ) स्वस्ति श्री-जयाभ्युदयश्व-शक-वरुषं १२०० नेय बहुधान्य-संवत्सरद चैत्र-सु १ सु भण्डारियय्यन बस दिय श्री-देवरबल्लभ-देवरिगे नित्याभिषेकक्के अक्षय-भण्डारवागि श्रीमनु महा-मण्डलाचारियरु उदचन्द्र-देवर शिष्यरु मुनिचन्द्र-देवरु ग२ प ५ कं हालु मान २ श्रीमतु चन्द्रप्रभ-देवर
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