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विन्ध्यगिरि पर्वत पर के शिलालेख
१९८ (२७७) अखण्ड बागिल का जानेवाले मार्ग के पश्चिम की
और चट्टान पर
(विक्रम सं० १७१६) (नागरी लिपि) _ संवत् १७१८ वर्षे वैसाष-सुदि ७ सेमे श्री काष्टा. सङ्घ मण्डितटगच्छे...श्री-राजकीत्तिः । तत्पट्टे भ श्री लक्ष्मीसेनस्तत्पट्टे भ श्री इन्द्रभूषणतत्पर्ट शोसू बघेरवाल जाती बारखज-बाई-पुत्र पं भा धनाई तया पुत्र पं खाम्फल पूजनाई तयो पुत्र पं वन जन पडाई स-परिवारे गोमट-स्वामि चा जात्रा......सफल
- १२० ( ३१८) पहाड़ी पर चढ़ने के मार्ग के पूर्व की ओर चट्टान पर
(लगभग शक सं० ११४०) अरकेरेय वीर वीरपल्लव-रायन मकं केदेसडर-नायक बेल्लुगोल प्घ...येच्च बेलबडिगर बेटके ।।
. १२१ (३२१) 'ब्रह्मदेव मण्डप के पीछे चट्टान पर
( सम्भवत: शक सं० १६०१ ) सिदात्ति स । कात्तिक सुद्ध २ रलु । श्री-ब्रह्म-देवरमटपवन हिरिसालि गिरिगाडना तम्म र.यन से वे ।।
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