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चन्द्रगिरि पर्वत पर के शिलालेख
प्रदर्शनयर्पेलल
मादुवरं दाखिलम्मनेम्बर् पेस रिं ॥२॥
अवरोड-वुट्टिदोलरिविन
तवरेने धर्मददगुन्तियेने नेगल्दल्भूभुवनक्के सावियब्बिगम् अवनिजेगं दोरेयेनल्के पंण्डिरुमोलरे ॥ ३॥ धोरन तनयं विबुधो
दारं धरेगेसेद लोक-विद्याधरनन्त् - रमणिगे पतियेने पेरर् प्रारुमनासतिय पेम्पिनालू पोलिदे ||४|| श्रावक - धर्मदोल दोरेयेनल पेररिल्लेने सन्द रेवतिश्रावकिताने सज्जनिकेयोल जनकात्मजे ताने रूपिनोलूदेवकि ताने पेम्पिनालरुन्धति ताने जिनेन्द्र-भक्ति- सद्भावदे सावियब्बे जिन शासन- देवते ताने काणिरे ||५|| उदयविद्याधरनप्प सायिब्बेन्द्र
( उसी पाषाण के शिखर पर )
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गिदन्दरागि पसियानिवगानादेनेदल्लि मुनाल कादि यलि विल्दवरन जननि सायिब्बे कण्डडिदरदे केय्यार जि... मालाग्रद······करिप'' लिनेतुमदे नुडियिडे "द्रागि नुडिदु
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