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श्रवणबेलगोल के स्मारक वर्ष पुराने कुछ लेखों में भी इस स्थान का नाम श्वेत सरोवर, धवलसरः व धवलसरोवर पाये जाते हैं ।
'बेल्गोल' नाम लगभग सातवीं शताब्दि के एक लेख में प्राता है, और लगभग आठवीं शताब्दि के एक दूसरे लेख में इसका नाम 'बेल्गोल' पाया जाता है। इनसे पीछे के अनेक लेखों में बेलगुल, बेल्गुल और बेलुगुल नाम पाये जाते हैं। एक लेख में 'देवर बेलगोल' नाम भी पाया जाता है जिसका अर्थ होता है देव का (जिनदेव का ) बेलगोल । श्रवणबेलगोल के आसपास दो और बेलगोल नाम के स्थान हैं जो हले-बेल्गोल और कोडि-बेल्गोल कहलाते हैं। गोम्मटेश्वर की विशाल मूर्ति के कारण इसका नाम गोम्मटपुर भी है+ । कुछ अर्वाचीन लेखों में दक्षिण काशी नाम से भी इस तीर्थस्थान का उल्लेख हुआ है ।
श्रवणबेलगोल प्राम मैसूर प्रान्त में हासन ज़िले के चेन्नरायपाटन तालुके में दो सुन्दर पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। इनमें से बड़ी पहाड़ी ( दोडुबेह) जो ग्राम से दक्षिण की ओर है 'विन्ध्यगिरि' कहलाती है। इसी पहाड़ी पर गोम्मटेश्वर की वह विशाल मूर्ति स्थापित है जो कोसों की दूरी से यात्रियों की दृष्टि इस पवित्र स्थान की ओर आकर्षित करती है। इसके
* देखो लेख नं० ५४ और १०८. । देखो लेख नं० १७-१८. * देखो लेख नं० २४. देखो लेख नं. १४०. +देखो लेख नं०.१२८, १३७. x देखो लेख नं. ३५५, ४८१.
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