________________
नंबर प्राचार्य का नाम गुरु का नाम संघ,गण,गच्छादि लेख नं०
समय
विशेष विवरण
Jain Education International
xxx
मूलसंघ
X
For Private & Personal Use Only
त्रिकालयोगी ।
४७३ अ०१०६७/ अभयदेव ६८ कु. मलधारि
१३७ १०१०८७ हुल्ल मंत्री के गुरु । देव नयकीति सि० गुणचन्द्र सि. मू० दे० पु० " " हुल्ल मंत्री ने ग्राम का दान दिया। देव (म०म०) दे०हनसोगे शाखा ७८१०२०
१२२ ३१७-२०
३२४
( १५६ )
m
३२६ ३२७
" "
my
१३८ १०८, १३७ अ०१०८७
www.jainelibrary.org
७० दामनन्दिन
देव । ७१/ भानुकीति
सि० देव ७२ बालचन्द्रदेव ] म. म. नय- मू० दे० पु०
अध्यास्मि ।। कीति देव हनसोगे शाखा ७३/ प्रभाचन्द्रदेव ) .
७०" १०१२ ४६१ " १०६५ कुन्दकुन्दाचाय के प्राभृत त्रय पर इनकी १० ॥ ११०० कनाड़ी टीका पाई जाती है।