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नंबर प्राचार्य का नाम, गुरु का माम संघ,गण,गच्छादि लेख नं० समय
विशेष विवरण
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जीर्णोद्धार कराया, मूर्तियां प्रतिष्ठित ४४७,
कराई और कितनों ही को दीक्षा, ४८६, १०१०४१ संन्यास आदि दिये।
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४६ १०४२ ४८,६२ १०४४
५३ १०५० १० अ०११०० १३६ १०४१ इस लेख से यह गुरुक्रम विदित होता है
देवेन्द्र सि० देव दिवाकरनन्दि
(१५४ )
५१ दिवाकरनन्दि | देवेन्द्र सि० देव मू० दे० पु.
१२ भानुकीति मुनि १३ प्रभाचन्द्रसि देव मेघचन्द्रदेव
मू० दे०
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मलधारिदेव शुभचन्द्र देव सि० मु० २२६ १०३६ फेोयसल राजसेट्टि ने इनसे दीक्षा ली। ५१,१२ १०४१ इनकी एक शिष्या ने पदृशाला ( वाचना.
४४ १०४३ लय) स्थापित कराई। ये विष्णुवद्धन ५३ १.४५नरेश की रानी शान्तलदेवी के गुरु थे।