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१६) मेल्लगवास गुरु १७ नन्दिसेन मुनि १८ गुणकीति १३ वृषभनन्दि मुनि सौनियाचा २०| चन्द्रदेवाचार्य
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२१ मेघनन्दि मुनि २२ नन्दि मुनि २३ महादेव मुनि २४ सर्वज्ञभट्टारक २५ अक्षयकीर्त्ति
२६ गुणदेव सूरि २७ मासेन (महासेन ) ऋषि
२८ सर्वनन्दि
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चिकुरा परविय (?)
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नविलूर संघ
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नमिलूर संघ
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१३ | ० ६२२ समाधिमरण । ये गुरु 'इनुङ्गर' के थे ।
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। ये आचार्य 'नदि' राज्य के थे।
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ये 'वेरा' के थे ।
| ये दक्षिणा 'मदुरा' से आये थे। इन्हें सर्प ने सताया था ।
| चिकुरा परविय का तात्पय चिकूर के परविय गुरु व चिकुरापरविय के गुरु हो सकता है । 'परवि' एक प्राचीन तालुके का नाम भी पाया जाता है ।
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