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प्राचार्यों की वंशावली
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एक सन्धिसुमति-भट्टारक अकलङ्कदेव वादीभसिंह वक्रग्रीवाचार्य श्रीनन्द्याचार्य सिंहनन्द्याचाय श्रीपाल भट्टारक कनकसेन वादिराजदेव श्रीविजयशान्तिदेव पुष्पसेन सिद्धान्तदेव वादिराज शान्तिषेण देव कुमारसेन सैद्धान्तिक मल्लिषेण मलधारि श्रीपाल विद्यदेव (शक सं० १०४७ में
विष्णुवर्द्धन नरेश ने शल्य ग्राम का दान दिया।) लगभग शक सं० १०६६ के लेख नं० ११३ में उल्लेख है कि देसी गण पुस्तक गच्छ कुन्दकुन्दान्वय के निम्नोल्लिखित प्राचार्यों ने मिलकर पञ्चकल्याणोत्सव मनाया
त्रिभुवनराजगुरु भानुचन्द्र सिद्धान्त-चक्रवर्ती, सोमचन्द्र सि. च०, चतुर्मुख भट्टारकदेव, सिंहनन्दि भट्टाचार्य, शान्ति भट्टारक, शान्तिकीर्ति, कनकचन्द्र मलधारिदेव और नेमिचन्द्र मलधारिदेव ।
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