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आचार्यों की वंशावली अभयचन्द्र देव ( इनके अनुज ) श्रुतकीति
श्रुतमुनि
चारुकीर्ति
(इनके प्रशिष्य ) अभिनव श्रु तमुनि
पण्डितदेव (स्वर्ग १३२०) अभिनव पण्डित
लेख नं. १०८ की परम्परा आदि से अकलङ्कदेव तक लेख नं० ४० के समान ही है। अकलङ्कदेव के पश्चात् संघ-भेद हुआ जिसकी इगुलेश बलि की कुछ परम्परा इस प्रकार दी है।
श्रतकीति
चारुकीति
पण्डित
सिद्धातयोगी
अ तमुनि ( स्वर्गवास १३५५)
शक संवत् १२६५ के लेख नं० १११ में मूलसंघ बलात्कार गण की कुछ परम्परा निम्न प्रकार पाई जाती है। लेख बहुत घिसा हुआ हैान के कारण परम्परा के ऊपर और नीचे के कुछ गम स्पष्ट नहीं पढ़े गये।
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