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चित्त, मन और स्वास्थ्य २१
और मन शुद्ध बन जाएंगे । भाव और मन की शुद्धि का अर्थ है स्वास्थ्य के रहस्य-सूत्र का संधान । स्वास्थ्य के लिए इस सचाई का बोध और उपलब्धिदोनों अनिवार्य है।
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