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१० महावीर का स्वास्थ्य-शास्त्र
की जाए तो निष्कर्ष आएगा - भाषा का भाव, मन और शरीर की क्रियाओं के साथ गहरा संबंध है ।
शरीर, इन्द्रिय, श्वास, प्राण, मन, भाव और भाषा - स्वास्थ्य के संदर्भ में इन सात तत्वों पर विचार करना आवश्यक है । यह समग्रता का दृष्टिकोण है । महावीर ने समग्रता की दृष्टि का प्रतिपादन किया था । महावीर द्वारा प्रतिपादित अनेकान्त का अर्थ है- किसी एक को लेकर आग्रही मत बनो, वस्तु तत्व को समग्रता से देखो । समग्रता से इन सातों तत्वों पर विचार करने पर स्वास्थ्य के संदर्भ में जो चिन्तन धारा विकसित होगी, वह 'अस्तित्व और स्वास्थ्य' दोनों का रहस्य -सूत्र उपलब्ध कराने वाली होगी ।
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