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कायोत्सर्ग और स्वास्थ्य १०९
पैदा होते हैं, उन रसायनों को पैदा करने के लिए कायोत्सर्ग सबसे महत्वपूर्ण प्रयोग है ।
संजीवनी बूंटी
कायोत्सर्ग- शतक कायोत्सर्ग पर बहुत अच्छा प्रकाश डालने वाला ग्रंथ है । इसमें कायोत्सर्ग के विषय में महत्वपूर्ण सूचना मिलती है । कायोत्सर्ग का लाभ क्या है ? कहा गया- 'इससे देह की जड़ता और मति की जड़ता का शोधन होता है ।' प्राचीन व्याख्याकारों ने इतना बतलाया - देह और मति की जड़ता मिटती है । आज विज्ञान के युग में देहयुक्त जड़ता को शान्त करें तो बहुत सारी नई बातें आ जाती हैं । कायोत्सर्ग के द्वारा रक्त विकार अथवा मोह शान्त हो जाता है । विकार की जो बीमारी है, कायोत्सर्ग में वह शान्त हो जाएगी । रक्तचाप की बीमारी के लिए कायोत्सर्ग संजीवनी बूंटी का काम करता है । जिन्हें रक्तचाप था, प्रेक्षाध्यान शिविर काल में उन्हें कायोत्सर्ग का प्रयोग करवाया गया । परिणाम यह आया जिनका रक्तचाप १७० था, आधा घंटा के कायोत्सर्ग में १४० पर आ गया । आधा घंटा में इतना अन्तर आ जाता है । यदि दीर्घकाल तक करें तो बहुत अन्तर आ सकता है । दीर्घकाल तक कायोत्सर्ग की एक पद्धति रही है । गंभीर मानसिक बीमारी के लिए बताया गया- पहले दिन पूरा कायोत्सर्ग, दिन-रात का कायोत्सर्ग । दूसरे दिन उससे कुछ कम । तीसरे दिन पुनः अहोरात्र कायोत्सर्ग और चौथे दिन कुछ कम | यह क्रम बराबर चले । नौ दिन का यह क्रम होता है । इस क्रम से प्रयोग करें तो गंभीर मानसिक बीमारी शान्त हो जाएगी ।
कायोत्सर्ग की एक लम्बी प्रक्रिया है । एक दिन का कायोत्सर्ग, दो दिन का कायोत्सर्ग और बारह दिन का कायोत्सर्ग । यह दीर्घकालिक कायोत्सर्ग रक्तचाप और हृदयरोग के लिए बड़ा कल्याणकारी है । हृदय, मस्तिष्क और मेरुदण्ड के लिए बहुत उपयोगी है । इन तीनों को आराम देना कायोत्सर्ग का मुख्य प्रयोग है। ये तीनों स्वस्थ हैं तो सब कुछ ठीक है । मस्तिष्क, हृदय और मेरुदण्ड ठीक काम कर रहा है तो स्वास्थ्य की काफी सुविधा हो जाती है । मानसिक तनाव और इससे उत्पन्न विकृति के लिए कायोत्सर्ग जैसा कोई महत्वपूर्ण उपाय या चिकित्सा की दूसरी पद्धति नहीं है । मनश्चिकित्सक के
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