________________
अहिंसा की गंगा : भारत की अस्मिता
२५
(१०/१५२/३ ) में भी यही स्वर अनुगुंजित है । भारतीय संस्कृति में युद्धों का एक लम्बा इतिहास है । ये युद्ध शत्रु पर विजय पाने के उद्देश्य से लड़े जाते थे उनमें घोर नरसंहार होता था । युद्ध परम्परा मानव इतिहास का अविभाज्य अंग है । ये युद्ध सभी बाह्ययुद्ध हैं । दूसरों को पराजित करने के उद्देश्य से लड़े गये । महावीर, गौतम, गांधी के युद्ध आन्तरिक युद्ध थे, अपने पर विजय पाने के उद्देश्य से लड़े गये थे । वर्धमान 'महावीर इसी कारण बने कि उन्होंने अपना आन्तरिक वीरत्व प्रकट किया। वे वीर थे, लेकिन स्व पर विजय पाकर महावीर बने । भारत की अस्मिता इसी वीरत्व में है, आंतरिक वीरत्व में है । अपने राग-द्वेष पर, काम-क्रोध पर, ईर्ष्या, मोह पर विजय पाना ही सच्ची विजय है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org