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महावीर और मोहम्मद
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चाहा तलाक दे दिया यह बात नापसंद की गई है। यों तो इस्लाम में चार स्त्रियों से विवाह करने की बात स्वीकार की गई है, परन्तु यह कोई
अनिवार्य नहीं। कुछ विशेष परिस्थितियों अथवा दशाओं में ही ऐसा विधान है। पुरुष की आर्थिक दशा, शरीर-सामर्थ्य का भी इसमें खास दखल है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि भगवान महावीर और पैगम्बर के अलगअलग युग में और अलग-अलग देशों में अवतरित होने पर भी दोनों के विचारों में बहुत समानता है, दोनों की सामाजिक दृष्टि एक जैसी है। भगवान महावीर ने सबसे अधिक बल शुद्धाचरण पर दिया जिसके लिए उन्होंने अहिंसा, सत्य, अस्तेय आदि पांच व्रतों के अनुकूल आचरण करने का उपदेश दिया तथा त्रिरत्न में सम्यक् आचरण को श्रेष्ठ माना। मोहम्मद साहब ने 'हदीस बुखारी' में फरमाया, "तुम लोगों में सबसे अधिक प्रिय मुझे वह है जो तुममें आचरण की दृष्टि से सबसे अच्छ। है।" दोनो महात्माओं ने अपरिग्रह का उपदेश दिया है । काश, सभी उनके इन सदुपदेशों को अपने आचरण में उतारते तो फिर नैतिक पतन, घूसखोरी, महंगाई के रसातल की ओर समाज न जा पाता।
भगवान महावीर अंतिम तीर्थंकर थे-२४वें तीर्थंकर। तीर्थंकर से अभिप्राय है जिससे संसार-सागर का संतरण किया जाय, पार किया जाय उसे तीर्थ कहते हैं और जो ऐसे तीर्थ को करे' संसार-सागर के संतरण का मार्ग बतलाए उसे तीर्थंकर कहते हैं। भगवान महावीर ने लोगों को इस भव-सागर से पार होने का मार्ग दर्शाया। पैगम्बर मोहम्मद अंतिम पैगम्बर थे, उनसे पहले हजारों पैगम्बर हो चुके । पैगम्बर अर्थात पैगाम-संदेशा लाने वाला, वह भगवान का संदेशा लोगों तक लाये और उस संदेश को लोगों को दुनियाए फानी से (भगुरत्व) निजात दिलायी। दोनों वीतरागी और सर्वज्ञ थे। उन्होंने बाह्ययुधों से लोगों को नहीं जीता, आन्तरिक आयुधों से विजय प्राप्त की-मन पर विजय । तभी तो उनका प्रभाव आज तक अक्षुण्ण है। भगवान महावीर ने कोई नवीन धर्म की स्थापना नहीं की, केवल धर्म में खोई आस्था की पुनर्स्थापना की। पैगम्बर मोहम्मद ने भी सहस्रों वर्षों से चले आते इस्लाम धर्म में ही पुनः प्राण फूंके—उन्होंने भी कोई नवीन धर्म का प्रवर्तन नहीं किया। इन दोनों महात्माओं ने जिंदा मनुष्यों को कत्रों से, श्मशान से उठाकर पुनर्जीवन दिया। आज हमारे नेत्रों में उनका जीवन तैरता है, रगों में उनकी पावन वाणी दौड़ती है। इतिहास और साहित्य के पृष्ठों पर उनके जीवन फूल बरस रहे हैं। कितना दृष्टि साम्य है दोनों में।
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